Pages


Friday, December 7, 2012

ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे

ज़ख़्म जब मेरे सिने के भर जाएँगे,
आँसू भी मोती बनकर बिखर जाएँगे,
ये मत पूछना किस किस ने धोखा दिया,
वरना कुछ अपनो के चेहरे उतर जाएँगे...

Related Posts...



UA-38646478-1